सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu)
भारतीय रसोई में जब बात उपवास या हेल्दी मिठाई की आती है, तो सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) का नाम बड़ी श्रद्धा और स्वाद से लिया जाता है। यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि सेहत और परंपरा का ऐसा मेल है, जो पीढ़ियों से हर घर में खास जगह बनाए हुए है। चाहे नवरात्रि का व्रत हो, ठंड के दिन हों या किसी को ऊर्जा से भरपूर कुछ स्वादिष्ट खिलाना हो — सिंघाड़े के लड्डू हर मौके पर फिट बैठते हैं।
सिंघाड़े का आटा, जिसे अक्सर उपवास में खाया जाता है, न सिर्फ हल्का और सुपाच्य होता है, बल्कि शरीर को ताकत देने वाला भी माना जाता है। जब इसे देसी घी, गुड़ या पिसी चीनी, और स्वादिष्ट सूखे मेवों के साथ मिलाकर लड्डू का रूप दिया जाता है, तो यह स्वाद और सेहत दोनों का परफेक्ट कॉम्बिनेशन बन जाता है। खास बात यह है कि यह सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) न तो बहुत भारी होता है और न ही बहुत मीठा – बस इतना कि हर उम्र का इंसान इसे खुशी से खा सके।
इन लड्डुओं की खुशबू, बनाते वक्त किचन में जो घी और आटे की महक फैलती है, वह बचपन की यादों को ताज़ा कर देती है। मां के हाथों से बने ये लड्डू सिर्फ स्वाद नहीं, एक अपनापन भी देते हैं। और सबसे बड़ी बात, इसे बनाना बेहद आसान है – बस कुछ सरल सामग्री और थोड़ी सी मेहनत।
अगर आप भी अपने घर में कुछ हेल्दी, पारंपरिक और स्वादिष्ट बनाना चाहते हैं, तो यह सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) ज़रूर ट्राई करें।
सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) की सामग्री:
- सिंघाड़े का आटा – 1 कप
- देसी घी – 1 कप
- पिसी चीनी या गुड़ – स्वादानुसार
- काजू-बादाम – ½ कप (कटे और दरदरे पिसे हुए)
- इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- नारियल का बुरादा – 2 बड़े चम्मच
सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) बनाने की विधि:
सबसे पहले एक भारी तले की कड़ाही में देसी घी गरम करें। अब इसमें सिंघाड़े का आटा डालें और धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें। जब आटे से खुशबू आने लगे और उसका रंग हल्का सुनहरा हो जाए, तो गैस बंद कर दें और इसे थोड़ा ठंडा होने दें।
एक दूसरी कड़ाही में थोड़े घी के साथ काजू और बादाम को हल्का फ्राई करें और निकाल लें। फिर उसी कड़ाही में नारियल का बुरादा डालें और कुछ सेकंड के लिए हल्का सा भून लें। अब इन सभी ड्राई फ्रूट्स को दरदरा पीस लें और भुने हुए सिंघाड़े के आटे में मिला दें।
अब आटे का मिश्रण हल्का गुनगुना हो जाए तब उसमें पिसी चीनी या बारीक पिसा हुआ गुड़ और इलायची पाउडर मिलाएं। फिर कटे हुए काजू-बादाम और घी डालकर अच्छी तरह मिलाएं। जब मिश्रण थोड़ा गर्म हो और हाथ से दबाने लायक हो जाए, तब हाथ से गोल-गोल करके सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) बना लें।
सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) बनाने के टिप्स:
- आटे को धीमी आंच पर ही भूनें ताकि वह जले नहीं और पूरी तरह पक जाए।
- मिश्रण को ज्यादा ठंडा न करें, वरना लड्डू ठीक से नहीं बंधेंगे।
- अगर आप चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग कर रहे हैं तो उसे पहले ही पाउडर बना लें।
- काजू-बादाम को दरदरा पीसने से लड्डू में अच्छा टेक्सचर आता है।
- नारियल का बुरादा सुखा और ताजा होना चाहिए ताकि लड्डू में नमी न आए।
- घी की मात्रा अपने अनुसार कम या ज्यादा की जा सकती है, लेकिन बांधने के लिए जरूरी होता है।
- अगर व्रत के लिए बना रहे हैं तो चीनी की जगह शुद्ध गुड़ का ही प्रयोग करें।
- लड्डू बनाकर एयरटाइट डिब्बे में रखें, ये 7-8 दिन तक अच्छे रहते हैं।
सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu)के हेल्थ बेनिफिट्स
- ऊर्जा से भरपूर: Singhare ke Laddu में देसी घी और ड्राई फ्रूट्स होते हैं जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं, खासकर उपवास या कमजोरी के समय।
- पाचन में सहायक: सिंघाड़े का आटा फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
- हड्डियों को मजबूती: इसमें मौजूद मिनरल्स जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों की मजबूती में सहायक होते हैं, जो खासकर सर्दियों में जरूरी है
- थकान और कमजोरी में लाभदायक: गुड़ और घी के मेल से बना यह लड्डू शरीर की थकान को कम करता है और मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
- त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की चमक बनाए रखते हैं और बालों को भी पोषण देते हैं।
निष्कर्ष:
अगर आप एक हेल्दी, टेस्टी और व्रत में खाया जाने वाला पारंपरिक भारतीय मिठा तलाश रहे हैं, तो सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता। यह ना सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। देसी घी, सूखे मेवे और सिंघाड़े के आटे का मेल इसे खास बनाता है। एक बार बनाइए और पूरे परिवार को खिलाइए – सबको पसंद आएगा!
FAQs- सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) व्रत में खाए जा सकते हैं?
हाँ, बिल्कुल। सिंघाड़े का आटा उपवास में मान्य होता है और यह लड्डू व्रत के लिए उपयुक्त है।
Q2. गुड़ या चीनी – किससे लड्डू ज्यादा हेल्दी बनते हैं?
गुड़ से बने सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) ज्यादा हेल्दी होते हैं क्योंकि उसमें आयरन और अन्य खनिज पाए जाते हैं।
Q3. क्या इस लड्डू को बच्चों को भी दिया जा सकता है?
हाँ, यह ऊर्जा से भरपूर होता है और बच्चों के लिए भी सुरक्षित और पोषक होता है।
Q4. लड्डू में सूखे मेवे न डालें तो क्या कोई फर्क पड़ेगा?
ड्राई फ्रूट्स स्वाद और पोषण दोनों बढ़ाते हैं, लेकिन आप चाहें तो बिना उनके भी लड्डू बना सकते हैं।
Q5. कितने दिनों तक ये लड्डू खराब नहीं होते?
अगर इन्हें सही तरीके से एयरटाइट डिब्बे में रखा जाए तो ये 7–10 दिन तक खराब नहीं होते।
Q6. लड्डू सर्दियों में ही बनाना चाहिए या गर्मियों में भी खा सकते हैं?
ये लड्डू साल भर खाए जा सकते हैं, लेकिन सर्दियों में विशेष रूप से शरीर को गर्मी और ताकत देने वाले माने जाते हैं।
Q7. क्या मैं इस रेसिपी को बिना नारियल के भी बना सकता/सकती हूँ?
हाँ, नारियल वैकल्पिक है। इसे न डालें तो भी सिंघाड़े के लड्डू (Singhare ke Laddu) स्वादिष्ट बनेंगे।
Q8. क्या इसमें दूध या मलाई मिलाई जा सकती है?
नहीं, इससे लड्डू जल्दी खराब हो सकते हैं। केवल घी का ही प्रयोग करें।
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