Lahsun Ki Chutney: मिस्सी रोटी के साथ खाने का असली देसी मज़ा

Lahsun Ki Chutney

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney): पारंपरिक देसी स्वाद का असली मज़ा

 

भारतीय खाने में चटनी का महत्व केवल स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपराओं और संस्कृतियों का हिस्सा भी है। ऐसी ही एक खास चटनी है राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney), जो हर राजस्थानी थाली का दिल मानी जाती है। इसका तीखा, देसी और सुगंध से भरपूर स्वाद खाने वाले को तुरंत ही गाँव-देहात की याद दिला देता है।

यह चटनी न केवल अपनी चटपटी स्वादिष्टता के लिए मशहूर है, बल्कि इसमें सेहत का खज़ाना भी छिपा है। लहसुन (garlic) शरीर को गर्माहट देने के साथ पाचन में मदद करता है और प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूत करता है। वहीं लाल मिर्च इसका असली रंग और ज़ायका बढ़ाती है। खास बात यह है कि यह चटनी पारंपरिक देसी घी में पकाई जाती है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है।

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) को बनाने का तरीका बेहद अनोखा है। यही वजह है कि इस चटनी को मिस्सी रोटी (missi roti) या बाजरे की रोटी के साथ खाया जाए तो स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) के लिए सामग्री

  • 15–20 सूखी लाल मिर्च (रातभर भिगोई हुई)
  • 1 कप टमाटर (प्यूरी किया हुआ)
  • 1 कप प्याज़ (बारीक कटा हुआ)
  • 10–12 लहसुन की कलियाँ (छिली हुई)
  • ½ कप दही (फेंटा हुआ)
  • 3–4 बड़े चम्मच देसी घी
  • स्वादानुसार नमक
  • ½ छोटा चम्मच जीरा
  • ½ छोटा चम्मच हल्दी

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) बनाने की विधि

सबसे पहले सूखी लाल मिर्च को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इन्हें हल्का सा उबाल लें ताकि इनका तीखापन कम हो जाए और बीज आसानी से निकल सकें। अब इन्हें अच्छे से धो लें ताकि ज्यादा तीखापन हट जाए।

कढ़ाई में देसी घी गर्म करें और उसमें जीरा डालकर तड़काएँ। फिर बारीक कटे प्याज़ डालें और हल्का सुनहरा होने तक भूनें। इसके बाद लहसुन डालें और अच्छी तरह से पकाएँ जब तक इसकी कच्ची महक खत्म न हो जाए।

अब इसमें टमाटर की प्यूरी डालकर मध्यम आंच पर पकाएँ। जब टमाटर तेल छोड़ने लगे तो इसमें उबली हुई लाल मिर्च डालकर अच्छे से मिलाएँ। इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाते हुए तब तक चलाते रहें जब तक सारी सामग्री एकसार न हो जाए।

अंत में इसमें फेंटा हुआ दही डालकर 3–4 मिनट तक पकाएँ। ध्यान रहे दही डालने के बाद आंच धीमी होनी चाहिए, वरना दही फट सकती है। जब चटनी से घी अलग होने लगे तो राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) तैयार है। इसे मिस्सी रोटी, ऊपर से देशी घी और मसाले वाली छाछ के साथ सर्व करें आपको ये कॉम्बिनेशन खाकर मज़ा ही आ जायेगा।

Lahsun Ki Chutney with Missi roti and chach

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) के लिए टिप्स

  1. लाल मिर्च हमेशा रातभर भिगोकर ही इस्तेमाल करें, इससे उनका स्वाद निखर जाता है।
  2. बीज निकालने से चटनी का तीखापन संतुलित हो जाता है।
  3. दही डालते समय आंच हमेशा धीमी रखें, वरना चटनी खराब हो सकती है।
  4. देसी घी का इस्तेमाल ज़रूर करें, इससे असली देसी स्वाद मिलेगा।
  5. अगर आप इसे लंबे समय तक स्टोर करना चाहते हैं तो दही न डालें।
  6. मिस्सी रोटी, बाजरे की रोटी या चूरमा स्टाइल में खाने पर इसका स्वाद सबसे बेहतरीन लगता है।
  7. ज़्यादा तीखा पसंद हो तो मिर्च की संख्या या लाल मिर्च पाउडर बढ़ा सकते हैं।

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) के साथ बेहतरीन पेयरिंग

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) इतनी versatile है कि इसे लगभग हर देसी खाने के साथ enjoy किया जा सकता है। इसकी सबसे खासियत यही है कि चाहे साधारण खाना हो या राजस्थानी थाली, यह हर स्वाद को दोगुना कर देती है।

  1. मिस्सी रोटी और बाजरे की रोटी के साथ – चटनी और रोटी का ये मेल सच में स्वर्गिक है। गर्मागर्म रोटी पर थोड़ा सा घी लगाकर जब इसे लहसुन की चटनी के साथ खाया जाए तो स्वाद का धमाका हो जाता है।
  2. दाल-बाफला या दाल-बाटी के साथ – राजस्थान की शान दाल-बाटी बिना इस तीखी चटनी के अधूरी लगती है। घी डूबी बाटी को तोड़कर इसमें चटनी मिलाने का मज़ा ही अलग है।
  3. खिचड़ी या बाजरे की खिचड़ी के साथ – जब सर्दियों में गरमागरम खिचड़ी खा रहे हों तो साथ में यह चटनी मिल जाए, तो ठंडी रात भी गर्म हो जाती है।
  4. स्नैक्स के साथ – चाहे पकौड़े हों, पराठे हों या फिर समोसे, यह चटनी हर स्नैक के साथ perfectly blend हो जाती है।
  5. चूरमा स्टाइल खाने में – गाँवों में मिस्सी या बाजरे की रोटी को तोड़कर उसमें घी, प्याज़ और राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) मिलाकर जो “चूर के” स्टाइल बनाया जाता है, उसका स्वाद तो भूले नहीं भूलता।
  6. सरल रोज़ाना के खाने में – अगर आपके पास सब्ज़ी न हो, तो बस दाल, चावल और साथ में ये चटनी ही पूरे खाने को complete बना देती है।
  7. त्योहार या शादी-ब्याह की थाली में – बड़ी थालियों में परोसी जाने वाली राजस्थानी दावत में यह चटनी हमेशा एक खास जगह रखती है।

निष्कर्ष

राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) केवल एक चटनी नहीं, बल्कि राजस्थान की परंपराओं और स्वाद का प्रतीक है। देसी घी, लहसुन और लाल मिर्च का यह मेल हर राजस्थानी भोजन को और खास बना देता है। मिस्सी रोटी या बाजरे की रोटी के साथ इसे खाने का मज़ा दोगुना हो जाता है। अगर आप भी अपने खाने में देसी ट्विस्ट और पारंपरिक स्वाद जोड़ना चाहते हैं तो यह चटनी आपके लिए परफेक्ट है।

 

FAQs – राजस्थानी लहसुन की चटनी (Lahsun Ki Chutney) से जुड़े सवाल

 

Q1. क्या मैं इस चटनी में दही न डालूँ तो भी स्वाद अच्छा रहेगा?
हाँ, दही डालने से चटनी में हल्का खट्टापन आता है, लेकिन बिना दही भी यह बहुत स्वादिष्ट बनती है।

Q2. क्या इस चटनी को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है?
अगर आप इसमें दही न डालें तो यह फ्रिज में 7–10 दिन तक सुरक्षित रह सकती है।

Q3. क्या इसे सरसों के तेल में भी बना सकते हैं?
हाँ, पर असली राजस्थानी स्वाद देसी घी में ही आता है।

Q4. अगर चटनी बहुत तीखी बन जाए तो क्या करें?
थोड़ा दही या टमाटर बढ़ाकर तीखापन संतुलित किया जा सकता है।

Q5. क्या इस चटनी को मिक्सर में पीसना ज़रूरी है?
हाँ, लाल मिर्च को अच्छे से पेस्ट बनाकर ही डालें, तभी इसकी टेक्सचर स्मूद आएगी।

Q6. मिस्सी रोटी के अलावा और किसके साथ खा सकते हैं?
यह चटनी बाजरे की रोटी, ज्वार की रोटी या चूरमा स्टाइल खाने में भी खूब जंचती है।

Q7. क्या मैं इसमें हरी मिर्च भी डाल सकती हूँ?
हाँ, हरी मिर्च डालने से चटनी का स्वाद और भी चटपटा हो जाएगा।

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