
केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori)
केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) का ज़िक्र आए बिना अगर राजस्थानी स्वाद की बात की जाए, तो बात अधूरी ही रह जाती है! जब आमतौर पर कचौरी में प्याज, मूंग दाल या आलू का बोलबाला होता है, वहीं इस अनोखी रेसिपी में मिलता है मरुधरा राजस्थान का पारंपरिक देसी ट्विस्ट।
केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) सिर्फ स्वाद में ही नहीं, पोषण में भी भरपूर होती है। यह ना सिर्फ त्योहारों के लिए एक बढ़िया विकल्प है, बल्कि जब घर में कुछ हटकर बनाने का मन हो, तब भी ये रेसिपी कमाल की लगती है।
इस कचौरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह प्याज या लहसुन के बिना बनती है और फिर भी इसके फ्लेवर इतने गहरे होते हैं कि आप बार-बार खाना चाहेंगे। केर-सांगरी की अनोखी सुगंध और मसालों का मेल इसे और भी खास बना देता है। अगर आप भी कुछ हटकर और देसी बनाना चाहते हैं, तो आज ही ट्राई करें केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori)।
सामग्री – केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori)
कचौरी के लिए आटा:
- मैदा – 2 कप
- सूजी – 2 बड़े चम्मच
- घी – 4 बड़े चम्मच (मोयन के लिए)
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – गूंथने के लिए
भरावन के लिए:
- सूखी केर – 2 बड़े चम्मच
- सूखी सांगरी – 4 बड़े चम्मच
- तेल – 2 बड़े चम्मच
- सौंफ – 1 छोटा चम्मच
- धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- हल्दी – ¼ छोटा चम्मच
- आमचूर – 1 छोटा चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
- अदरक – 1 छोटा चम्मच (कद्दूकस किया हुआ)
- हरा धनिया – 2 बड़े चम्मच (कटा हुआ)
विधि – केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori)
सबसे पहले सूखी केर और सांगरी को साफ पानी में अच्छे से धो लें। इन्हें कम से कम 8 घंटे या रातभर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इनका पानी बदलें और दोबारा साफ पानी में अच्छे से धो लें ताकि इनकी कड़वाहट निकल जाए। अब इन्हें प्रेशर कुकर में इतना पानी डालकर रखें कि केर-सांगरी डूब जाए।
मध्यम आंच पर 2 सीटी आने तक उबाल लें। प्रेशर उतरने के बाद इन्हें छलनी में निकालें और पूरी तरह ठंडा होने दें। फिर बारीक काट लें या हाथ से हल्का सा मैश कर लें। एक कढ़ाई में तेल गरम करें। इसमें सौंफ डालें और जब यह चटकने लगे तब कद्दूकस किया हुआ अदरक और बारीक कटी हरी मिर्च डालकर हल्का भूनें।
अब इसमें उबली और कटी हुई केर-सांगरी डालें और धीमी आंच पर चलाते हुए 2-3 मिनट तक भूनें। अब इसमें धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, आमचूर पाउडर और स्वादानुसार नमक डालें। सभी मसालों को अच्छे से मिलाकर धीमी आंच पर 4-5 मिनट तक भूनें ताकि स्वाद गहराई से भरावन में उतर जाए। अंत में गैस बंद करें और बारीक कटा हरा धनिया डालकर मिला लें।
मिश्रण को पूरी तरह ठंडा होने दें। एक परात या बड़ी थाली में मैदा, चम्मच सूजी और स्वादानुसार नमक डालें। अब इसमें घी डालें (इसे ही मोयन कहते हैं)। हाथों से सब अच्छे से मिक्स करें। जब आप आटे को मुठ्ठी में दबाएं और वह टुकड़ों में बंध जाए, तो समझिए मोयन सही है। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथें – बिल्कुल पूड़ी के आटे जैसा। आटे को ढककर 15-20 मिनट के लिए रख दें।
गूंथे हुए आटे से छोटी-छोटी लोइयां बना लें। एक लोई को हथेली से हल्का सा चपटा करें और बीच में 1 से 1½ चम्मच भरावन रखें। किनारों को ऊपर उठाकर भरावन को पूरी तरह बंद करें और हल्के हाथों से हथेली से दबाते हुए गोल या थोड़ा सा चपटा आकार दें। ध्यान रखें कि भरावन बाहर न निकले।
अब एक कढ़ाई में पर्याप्त तेल गरम करें। तेल न ज्यादा गरम हो और न ज्यादा ठंडा – मध्यम आंच पर रखें। एक-एक करके कचौरी डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें। एक साइड पकने के बाद पलट दें और दूसरी साइड भी अच्छे से कुरकुरी होने तक तलें। पूरी प्रक्रिया में धैर्य रखें, तभी कचौरी अंदर तक कुरकुरी और खस्ता बनेगी।
तली हुई केर-सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) को किचन पेपर पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। इसे गर्मागरम हरी धनिया की चटनी, इमली की चटनी या दही के साथ परोसें।

केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) के लिए टिप्स
- केर-सांगरी को सही से धोना और भिगोना जरूरी है वरना इनमें कड़वाहट रह सकती है।
- भरावन को पूरी तरह ठंडा होने के बाद ही भरें ताकि कचौरी फटे नहीं।
- तेल को मध्यम गर्म रखें – ज्यादा गर्म होगा तो कचौरी बाहर से ब्राउन होकर अंदर कच्ची रह जाएगी।
- मैदे में मोयन सही मात्रा में डालें, इससे कचौरी कुरकुरी बनती है।
- आप कचौरी को एयर फ्रायर में भी बना सकते हैं – यह हेल्दी ऑप्शन है।
- स्वाद बढ़ाने के लिए भरावन में थोड़ा घिसा हुआ नारियल भी मिलाया जा सकता है।
- केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) को हरे धनिये और इमली की चटनी के साथ परोसें।
निष्कर्ष
अगर आप कचौरी को नए रूप में पेश करना चाहते हैं, तो केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) एक बेजोड़ विकल्प है। यह रेसिपी पारंपरिक स्वाद को बनाए रखते हुए एक हेल्दी और यूनिक ट्विस्ट देती है। इसकी खास बात यह है कि प्याज और लहसुन के बिना भी इसका स्वाद लाजवाब होता है। चाहे त्योहार हो, मेहमान आए हों या कुछ हटकर खाने का मन हो – यह कचौरी हर मौके पर फिट बैठती है।
FAQ – केर सांगरी कचौरी (Ker Sangari Kachori)
Q1. क्या केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) व्रत में खा सकते हैं?
नहीं, इसमें मैदा और सामान्य मसाले होते हैं जो व्रत में वर्जित माने जाते हैं।
Q2. क्या मैं भरावन को पहले से बनाकर स्टोर कर सकता हूँ?
हाँ, भरावन को आप फ्रिज में 2-3 दिन तक एयरटाइट डिब्बे में रख सकते हैं।
Q3. केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) को कौन से तेल में तलना बेहतर है?
आप रिफाइंड या मूंगफली के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। देसी घी में तलने से स्वाद दोगुना हो जाता है।
Q4. क्या इस केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) में प्याज लहसुन डाल सकते हैं?
यदि आप चाहें तो भरावन में थोड़ा सा प्याज भी भूनकर डाल सकते हैं, लेकिन पारंपरिक रेसिपी में इनका प्रयोग नहीं होता।
Q5. केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) को कैसे स्टोर करें?
इसे एयरटाइट डिब्बे में रखकर 2 दिन तक खाया जा सकता है, लेकिन गरम करके ही परोसें।
Q6. क्या केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) रेसिपी बच्चों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह हेल्दी है लेकिन मसालों की मात्रा कम करके बनाएं।
Q7. क्या केर सांगरी कचौरी (Ker Sangri Kachori) को बेक भी किया जा सकता है?
हाँ, आप इसे ओवन में 180°C पर 20-25 मिनट तक बेक कर सकते हैं।
Q8. क्या केर सांगरी पहले से उबली हुई मिलती है?
हां, मार्केट में रेडी-टू-कुक उबली केर-सांगरी पैक में मिलती है, लेकिन ताजा उबालकर बनाना ज्यादा स्वादिष्ट रहता है।
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