करौंदा का अचार (Karonda ka achar)Tangy Magic in 5 Easy Steps

Karonda ka achar

करौंदा का अचार (Karonda ka achar)

जब बात होती है देसी खाने की, तो उसमें खट्टा-तीखा अचार न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। हर घर की रसोई में कोई-न-कोई पारंपरिक अचार ज़रूर पाया जाता है – और इन्हीं में से एक बेहद खास और स्वाद से भरपूर विकल्प है करौंदा का अचार (Karonda ka achar)

करौंदा, एक मौसमी फल है जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन जब इसे सही मसालों और देसी तकनीक से अचार में बदला जाता है, तब इसका स्वाद ऐसा बन जाता है कि जीभ और दिल दोनों खुश हो जाते हैं। यह अचार ना केवल खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स, और आयरन पाए जाते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे करौंदा का अचार (Karonda ka achar) बनाने की आसान रेसिपी ताकि आप इसे एकदम परफेक्ट बना सकें।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) के लिए सामग्री

  • करौंदा – 250 ग्राम
  • सरसों का तेल – आधा कप (लगभग)
  • सरसों के दाने – 2 चम्मच
  • सौंफ – 2 चम्मच
  • मेथी दाना – 1 चम्मच
  • हल्दी पाउडर – 1 चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1 बड़ा चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • हींग – ¼ चम्मच
  • जीरा – 1 बड़ा चम्मच

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) बनाने की विधि

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) बनाने के लिए सबसे पहले करौंदों को अच्छे से धोकर सुखा लें। अब प्रत्येक करौंदे को बीच से काटें और इसके बीज निकाल दें। अब एक पैन में मेथी दाना, सरसों के दाने, जीरा और सौंफ को धीमी आंच पर हल्का भूनें जब तक हल्की खुशबू न आने लगे। 

फिर इसे ठंडा करके दरदरा पीस लें। एक कड़ाही में सरसों का तेल गर्म करें। जब तेल से धुआं निकलने लगे, तब गैस बंद कर दें और तेल को थोड़ा ठंडा होने दें। अब एक बड़े बाउल में कटे हुए करौंदे डालें और उसमें तैयार किया गया मसाला, हींग, लाल मिर्च पाउडर और नमक मिलाएं। 

इसके बाद ठंडा किया हुआ सरसों का तेल डालें और सारी चीज़ों को अच्छे से मिक्स करें ताकि हर करौंदा मसालों में अच्छी तरह लिपट जाए। अचार को एक साफ और सूखे कांच के जार में भरें। अब इसे 4–5 दिनों तक धूप में रखें। 

हर दिन जार को हल्के हाथों से हिला लें ताकि मसाले नीचे न बैठें और अचार बराबर मिक्स होता रहे। कुछ दिनों में आपका स्वादिष्ट करौंदा का अचार (Karonda ka achar) खाने के लिए तैयार हो जाएगा।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) के लिए टिप्स

  1. करौंदे को धोने के बाद पूरी तरह सुखा लें, ताकि अचार जल्दी खराब न हो।
  2. तेल को अच्छी तरह से गरम करें और फिर ठंडा कर के ही इस्तेमाल करें।
  3. मसाले को हल्के ही रोस्ट करें – जलने न दें वरना स्वाद कड़वा हो सकता है।
  4. हमेशा कांच के जार में ही अचार स्टोर करें, और जार पूरी तरह सूखा होना चाहिए।
  5. धूप में रखने से अचार का फ्लेवर गहराता है और लंबे समय तक टिकता है।
  6. गीले हाथ या चम्मच से अचार को न छुएं – इससे फफूंदी लग सकती है।
  7. आप स्वाद के अनुसार थोड़ी राई या कलौंजी भी डाल सकते हैं।
  8. अचार को ठंडी और सूखी जगह पर रखें; इसे फ्रिज में रखने की ज़रूरत नहीं।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) की उत्पत्ति और सांस्कृतिक महत्व 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) भारतीय भोजन संस्कृति की उन दुर्लभ रचनाओं में से एक है, जो स्वाद और परंपरा दोनों को साथ लेकर चलती है। करौंदा – एक छोटा, खट्टा और पौष्टिक फल – भारत के कई हिस्सों में प्राकृतिक रूप से उगता है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में। 

इसका अचार बनाना ग्रामीण भारत की पुरानी परंपरा रही है। प्राचीन समय में, जब रेफ्रिजरेटर या बाजार में रेडीमेड अचार उपलब्ध नहीं थे, तब महिलाएं घर पर ही मौसमी फलों और सब्जियों से अचार तैयार करती थीं। 

करौंदा का अचार उन दिनों का खट्टा-तीखा खजाना था, जो गर्मियों के मौसम में बना कर साल भर उपयोग किया जाता था। यह अचार केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि एक परंपरा थी जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती आई है। 

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) की अलग-अलग शैलियाँ

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) हर घर में थोड़ा-थोड़ा अलग तरीके से तैयार किया जाता है, और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इसे अपने स्वाद और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग रूपों में बनाते हैं। नीचे कुछ लोकप्रिय वेरिएशंस (शैलियाँ) दिए गए हैं हर शैली में एक अलग कहानी है, और आप चाहें तो इन्हें अपने स्वाद के अनुसार कस्टमाइज़ भी कर सकती हैं। 

मीठा करौंदा अचार –आमतौर पर करौंदा खट्टा होता है, लेकिन कुछ लोग इसमें गुड़ या शक्कर डालकर मीठा अचार भी बनाते हैं। यह अचार बच्चों और कम तीखा पसंद करने वालों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

Karonda ka achar

करौंदा-हरी मिर्च अचार हरी मिर्च के तीखेपन के साथ करौंदे की खटास जब मिलती है, तो एक दमदार कॉम्बिनेशन बनता है। यह वेरिएशन खासकर उत्तर भारत में काफी पसंद किया जाता है।

मिक्स वेज करौंदा अचार –इसमें करौंदे के साथ गाजर, नींबू या हरी मिर्च जैसे अन्य सब्जियों को मिलाकर मिक्स अचार तैयार किया जाता है। यह ज़्यादा रंग-बिरंगा और स्वाद से भरपूर होता है।

तेल रहित करौंदा अचार –हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है, जिसमें सरसों का तेल नहीं डाला जाता। इसे कम समय में खपत के लिए तैयार किया जाता है और फ्रिज में स्टोर किया जाता है।

पंजाबी स्टाइल करौंदा अचार –इसमें मसालों की मात्रा अधिक होती है, खासकर गरम मसाला और कसूरी मेथी का स्वाद काफी प्रमुख होता है। यह तीखा, मज़ेदार और पराठों के साथ कमाल का लगता है।

Karonda ka achar

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) खाने के फ़ायदे

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत में भी उतना ही दमदार होता है। जब आप इसे सही मात्रा में और सही तरीके से खाते हैं, तो यह कई हेल्थ बेनिफिट्स भी देता है। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख फायदे:

पाचन में सहायक- करौंदा में नैचुरल ऐसिड होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। इसमें डाले गए मसाले जैसे सौंफ, मेथी और हींग पेट की गैस, अपच और ब्लोटिंग से राहत देते हैं।

इम्यूनिटी बूस्टर- करौंदा में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित सेवन से सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों से बचाव होता है।

एंटीऑक्सीडेंट गुण- यह छोटा सा फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। इससे आपकी त्वचा भी हेल्दी बनी रहती है।

खून की सफाई में सहायक- आयुर्वेद के अनुसार, करौंदा खून को साफ करने वाले फलों में से एक है। इसका अचार शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

एनीमिया में फायदेमंद- आयरन की मौजूदगी इसे खास बनाती है। जिन लोगों को खून की कमी होती है, उनके लिए यह एक टेस्टी और हेल्दी ऑप्शन बन सकता है।

भूख बढ़ाने वाला (Appetizer)- खाना खाने से पहले थोड़ा-सा करौंदा का अचार लेने से भूख बढ़ती है। यह विशेष रूप से बच्चों और कम भूख वाले लोगों के लिए मददगार हो सकता है।

👉 ध्यान दें: अत्यधिक सेवन करने से अचार में मौजूद नमक और तेल सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए संतुलित मात्रा में सेवन ही सबसे बेहतर है।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) बनाते समय इन गलतियों से बचें

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) बनाना जितना आसान लगता है, उतना ही ध्यान देने योग्य भी होता है। थोड़ी-सी लापरवाही से अचार जल्दी खराब हो सकता है या उसका स्वाद बिगड़ सकता है। आइए जानते हैं कुछ आम गलतियाँ, जिन्हें आपको अवॉइड करना चाहिए:

  • अगर करौंदा थोड़ी भी नमी के साथ अचार में गया, तो अचार जल्दी खराब हो सकता है। हमेशा धोने के बाद उन्हें पूरी तरह सुखा लें, बेहतर होगा कि धूप में 2–3 घंटे रखें।
  • अचार को मिलाते समय जिस बर्तन या चम्मच का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो एकदम सूखा होना चाहिए। पानी की एक बूंद भी अचार को सड़ा सकती है।
  • सरसों का तेल जब तक अच्छे से धुआं न छोड़ दे, तब तक उसे गर्म करना ज़रूरी होता है। अधपका तेल अचार के स्वाद और शेल्फ लाइफ दोनों को खराब कर देता है।
  • गरम तेल डालने के तुरंत बाद अचार को बंद न करें। पहले उसे पूरी तरह ठंडा होने दें, फिर ही किसी कांच के साफ़ और सूखे जार में भरें।
  • मसाले कम होंगे तो अचार बेस्वाद लगेगा, ज़्यादा होंगे तो स्वाद बहुत तीखा या कड़वा भी हो सकता है। मात्रा संतुलित रखें और स्वादानुसार एडजस्ट करें।
  • अचार को 3–4 दिन धूप में रखने से उसका स्वाद निखरता है, लेकिन बहुत ज़्यादा दिनों तक तेज़ धूप में रखने से उसका रंग और स्वाद दोनों बदल सकते हैं।
  • नमक एक प्राकृतिक प्रिज़रवेटिव की तरह काम करता है। कम होगा तो अचार जल्दी खराब हो सकता है, ज़्यादा होगा तो स्वाद बिगड़ सकता है। सही मात्रा में ही डालें।
  • प्लास्टिक में अचार स्टोर करने से स्वाद और क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। हमेशा कांच या चीनी मिट्टी के जार का इस्तेमाल करें।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) को लंबे समय तक कैसे स्टोर करें

  1. हमेशा कांच का जार इस्तेमाल करें- अचार को प्लास्टिक या मेटल डिब्बे में स्टोर करना इसकी क्वालिटी को नुकसान पहुँचा सकता है। कांच या चीनी मिट्टी का सूखा और साफ़ बर्तन सबसे सही रहता है।
  2. पूरी तरह ठंडा होने के बाद ही स्टोर करें- अचार में जब तक तेल और मसाले पूरी तरह ठंडे न हो जाएं, तब तक उसे जार में भरना सही नहीं होता। इससे नमी और फंगस लगने का खतरा रहता है।
  3. नमी से बचाकर रखें- हर बार अचार निकालते समय सूखा चम्मच ही इस्तेमाल करें। गीला चम्मच या गंदे हाथ अचार को जल्दी खराब कर सकते हैं।
  4. धूप में रखें (शुरुआती कुछ दिन)- अचार को तैयार करने के बाद 3–4 दिन तक हल्की धूप में रखें। इससे इसमें सही तरह से स्वाद और प्रिज़र्वेशन विकसित होता है।
  5. ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें- बाद में अचार को किसी ऐसी जगह रखें जहाँ नमी या बहुत अधिक गर्मी न हो। रसोई की किसी ऊँचाई वाली शेल्फ़ या अलमारी में रखना आदर्श है।
  6. तेल की परत बनी रहनी चाहिए- अचार की सतह पर हमेशा सरसों के तेल की परत बनी रहनी चाहिए। यह प्राकृतिक प्रिज़रवेटिव की तरह काम करती है और अचार को खराब होने से बचाती है।

 

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) को कैसे सर्व करें

  1. करौंदा का अचार (Karonda ka achar) का तीखा, खट्टा और मसालेदार स्वाद उसे हर थाली में खास बना देता है। इसे परोसने के कुछ तरीक़े:
  2. परांठे या रोटी के साथ- आलू के परांठे, मूली परांठा या सादी रोटी के साथ यह अचार जबर्दस्त लगता है। सुबह के नाश्ते में स्वाद बढ़ा देता है।
  3. दाल-चावल के साथ- जब खाने में सादगी हो, तब एक चम्मच करौंदा का अचार ही स्वाद में धमाका कर देता है।
  4. कढ़ी या खिचड़ी के साथ- हल्के स्वाद वाली चीज़ों जैसे कढ़ी या खिचड़ी के साथ इसका तीखापन स्वाद को संतुलित करता है।
  5. ट्रैवल फूड में साथ रखें- यात्रा में पूरी, सूखी सब्ज़ी और इस अचार की छोटी शीशी सफर के खाने को खास बना देती है।
  6. लंच बॉक्स में ट्विस्ट- बच्चों या ऑफिस वालों के टिफिन में अगर सादी रोटी-सब्ज़ी है, तो साथ में एक छोटा अचार बॉक्स दे दें – स्वाद में क्रंच और ट्विस्ट दोनों मिल जाएगा।
  7. इंडियन थाली का हिस्सा- शादी, तीज-त्योहार या किसी विशेष अवसर पर बनी पारंपरिक थाली में इसे सर्व करें। इसकी उपस्थिति स्वाद को संपूर्ण बना देती है।

 

FAQ – करौंदा का अचार (Karonda ka achar) से जुड़े सवाल

Q1. करौंदा का अचार (Karonda ka achar) कितने दिनों में तैयार होता है?

3–5 दिनों में यह अचार पूरी तरह से खाने योग्य हो जाता है।

Q2. क्या करौंदा का अचार (Karonda ka achar) को फ्रिज में रखना जरूरी है?

अगर अचार धूप में अच्छे से रखा गया है और जार सूखा है, तो इसे बाहर स्टोर किया जा सकता है।

Q3. क्या मैं करौंदा का अचार मीठा बना सकती हूं?

हाँ, आप चाहें तो थोड़ा गुड़ मिलाकर खट्टा-मीठा स्वाद पा सकती हैं।

Q4. करौंदा का अचार बच्चों के लिए सुरक्षित है?

अगर बहुत ज्यादा तीखा न हो तो थोड़ी मात्रा में बच्चों को दिया जा सकता है।

Q5. क्या मैं रिफाइंड तेल की जगह सरसों का तेल ही इस्तेमाल करूं?

हाँ, सरसों का तेल सबसे बेहतर होता है क्योंकि इसमें प्रिज़र्वेटिव गुण होते हैं।

Q6. क्या इस अचार में अन्य मसाले भी डाले जा सकते हैं?

आप चाहें तो राई, कलौंजी या अमचूर जैसे मसाले भी अपने स्वाद के अनुसार मिला सकते हैं।

Q7. अचार जल्दी खराब न हो, इसके लिए क्या करें?

सिर्फ सूखे बर्तनों का प्रयोग करें, धूप में रखें और गीला चम्मच न डालें।

Q8. करौंदा का अचार (Karonda ka achar) कितने समय तक चल सकता है?

सही तरीके से बनाया गया अचार 3–4 महीने तक आराम से चल सकता है।

निष्कर्ष

करौंदा का अचार (Karonda ka achar) न केवल परंपरा से जुड़ा है, बल्कि इसका स्वाद हर उम्र के लोगों को पसंद आता है। इसे बनाना आसान है, सामग्री सामान्य है, और इसका ज़ायका हर खाने को खास बना देता है। अगर आप भी अपनी थाली में देसी खटास और मसालेदार स्वाद जोड़ना चाहते हैं, तो यह अचार ज़रूर बनाएं – और हर भोजन को बनाएं दिल से देसी!

Disclaimer:

इस वेबसाइट पर दी गई करौंदा का अचार (Karonda ka achar) जानकारी केवल सामान्य जानकारी और घरेलू उपयोग के लिए प्रदान की गई है। इसमें दी गई सामग्री और विधि पर आधारित परिणाम आपके उपयोग, सामग्री की गुणवत्ता और अनुपालन पर निर्भर करते हैं। किसी भी एलर्जी, स्वास्थ्य समस्या या विशेष आहार प्रतिबंध की स्थिति में कृपया विशेषज्ञ सलाह लें। लेखक या वेबसाइट किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए उत्तरदायी नहीं होगी।

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