मोगरी चूरमा (Mogri Churma): राजस्थान का अनोखा स्वाद और परंपरा
राजस्थान के खान-पान में स्वाद और सेहत का जबरदस्त मेल देखने को मिलता है। इन्हीं व्यंजनों में से एक है मोगरी चूरमा (Mogri Churma), जिसे परंपरागत रूप से नवरात्रि पर बनाया जाता है। इसका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि इसे खाने वाला लंबे समय तक भूल नहीं पाता। गेहूं के आटे, घी और गुड़ से बनने वाला यह व्यंजन न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि पौष्टिक भी है।
मोगरी चूरमा (Mogri Churma) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली “मोगरी” बनाने की प्रक्रिया इसे बाकी चूरमा रेसिपीज़ से अलग बनाती है। यह बिल्कुल सूजी जैसी दानेदार होती है और धीमी आंच पर सेकने से इसमें एक अलग-सी खुशबू और कुरकुरापन आता है। चाहे आप इसे रोजमर्रा की मिठाई के रूप में खाएं या फिर मूंग दाल जैसी दालों के साथ परोसें, यह हर बार स्वाद का नया अनुभव देता है।
अब आइए जानते हैं मोगरी चूरमा (Mogri Churma) बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री, इसकी आसान विधि।
मोगरी चूरमा (Mogri Churma) के लिए सामग्री
- गेहूं का आटा – 2 कप
- घी – ½ कप (मसले और मिक्स करने के लिए)
- गुनगुना पानी – ज़रूरत अनुसार (आटा मसलने के लिए)
- गुड़ – 1 कप (कद्दूकस किया हुआ या छोटे टुकड़े)
- मिश्री – 2 बड़े चम्मच (क्रंच और स्वाद के लिए)
- इलायची पाउडर – 1 छोटा चम्मच
- बादाम – 10–12 (बारीक कटे हुए)
- केसर – कुछ धागे (गर्म दूध या पानी में भिगोए हुए)
मोगरी चूरमा (Mogri Churma) बनाने की विधि
सबसे पहले गेहूं के आटे में थोड़ा-थोड़ा करके घी डालें और दोनों हाथों से अच्छी तरह मसलें। यह स्टेप बेहद जरूरी है क्योंकि यही आटे को सही टेक्सचर देगा। जब आटा धीरे-धीरे मिलकर एक साथ आने लगे, तब गुनगुना पानी डालकर इसे मसल लें। ध्यान रहे आटे को गूंथना नहीं है, बल्कि सिर्फ मिलाना है।
इसके बाद इस आटे को इक्कठा करके करीब 30 मिनट के लिए ढककर रख दें। यह रेस्टिंग टाइम आटे को मुलायम और सही टेक्सचर देने में मदद करेगा। रेस्टिंग के बाद एक बार फिर से आटे को मसलें और छलनी से छान लें। यह प्रक्रिया ही “मोगरी” कहलाती है और छानने के बाद आटा बिल्कुल सूजी जैसी दानेदार बन जाना चाहिए।
अब इन दानों को धीमी आंच पर धीरे-धीरे सेकें। जब यह सुनहरे भूरे और सुगंधित हो जाएं, तो समझ लीजिए कि मोगरी तैयार है। अब गुड़ को हल्के पानी में पिघलाकर अच्छी तरह से उबाल लें और इस गुड़ की चाशनी को गर्मागर्म मोगरी में डाल दें। इसे अच्छे से मिलाएं और साथ में घी भी डालें ताकि स्वाद और रिचनेस बढ़ जाए।
अंत में इसमें मिश्री, इलायची पाउडर, बादाम और केसर डालकर मिला लें। अब तैयार है आपका लाजवाब मोगरी चूरमा (Mogri Churma)। गरमा-गरम मूंग दाल के साथ इसका स्वाद दोगुना हो जाता है। इसे आप स्टोर भी कर सकते हैं और यह यात्रा (ट्रैवल) के दौरान साथ ले जाने के लिए भी बिल्कुल उपयुक्त है।
मोगरी चूरमा (Mogri Churma) के लिए टिप्स
- आटा मसलते समय घी की मात्रा सही रखें, तभी मोगरी अच्छी बनेगी।
- आटा गूंथें नहीं, सिर्फ मसलकर दानेदार करें, वरना मोगरी का टेक्सचर खराब होगा।
- मोगरी को हमेशा धीमी आंच पर ही सेकें ताकि वह अंदर तक कुरकुरी हो।
- गुड़ की चाशनी बहुत पतली न बनाएं, नहीं तो चूरमा गीला हो जाएगा।
- चाहें तो मिश्री और ड्राई फ्रूट्स अपनी पसंद के अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं।
- ज्यादा रिच फ्लेवर के लिए देसी घी का ही इस्तेमाल करें।
- इसे एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करने पर कई दिनों तक ताज़ा रखा जा सकता है।
निष्कर्ष
मोगरी चूरमा (Mogri Churma) राजस्थान की पारंपरिक रेसिपीज़ में से एक ऐसा व्यंजन है, जो अपने स्वाद और बनाने की अनोखी प्रक्रिया के लिए जाना जाता है। इसे बनाने में भले ही थोड़ा समय लगे, लेकिन एक बार तैयार होने के बाद यह लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप कभी राजस्थान की असली थाली का स्वाद लेना चाहते हैं, तो इस रेसिपी को ज़रूर ट्राय करें।
Mogri Churma Recipe in English: Rajasthan’s Unique Taste and Tradition
In Rajasthani cuisine, there is a perfect blend of taste and health. One such dish is Mogri Churma, which is traditionally prepared during Navratri. Its taste is so delicious that anyone who eats it remembers it for a long time. Made with wheat flour, ghee, and jaggery, this dish is not only tasty but also nutritious.
The biggest specialty of Mogri Churma is the process of making the “Mogri,” which makes it different from other churma recipes. It turns out grainy, just like semolina, and when roasted slowly on low flame, it develops a unique aroma and crispiness. Whether you enjoy it as a daily sweet dish or serve it with dals like moong dal, every time it offers a new experience of taste.
Now let’s take a look at the ingredients and simple method to prepare Mogri Churma.
Ingredients for Mogri Churma
- Wheat flour – 2 cups
- Ghee – ½ cup (for kneading and mixing)
- Lukewarm water – as required (for kneading the dough)
- Jaggery – 1 cup (grated or small pieces)
- Rock sugar (Mishri) – 2 tablespoons (for crunch and taste)
- Cardamom powder – 1 teaspoon
- Almonds – 10–12 (finely chopped)
- Saffron – few strands (soaked in warm milk or water)
How to Make Mogri Churma
First, add ghee little by little into the wheat flour and rub it well with both hands. This step is very important as it gives the dough the right texture. When the flour starts coming together, add lukewarm water and knead lightly. Remember – do not knead it like normal dough, just mix it.
Gather the mixture and cover it for about 30 minutes. This resting time helps in making it soft and gives the right texture. After resting, rub the flour again and sift it through a sieve. This process is called “Mogri,” and after sieving, the flour should become grainy, like semolina.
Roast these grains slowly on a low flame. When they turn golden brown and aromatic, your Mogri is ready. Now melt jaggery in a little water, boil it well, and add this jaggery syrup to the hot Mogri. Mix it well and add ghee too, which enhances the richness and flavor.
Finally, add mishri, cardamom powder, almonds, and saffron. Your delicious Mogri Churma is now ready. Its taste doubles when enjoyed with hot moong dal. You can also store it, and it is perfect to carry during travel.
Tips for Mogri Churma
- Maintain the correct amount of ghee while rubbing the flour; only then will the Mogri turn out well.
- Do not knead the flour, only rub and make it grainy, otherwise the texture of the Mogri will spoil.
- Always roast the Mogri on low flame so it becomes crispy inside out.
- Do not make the jaggery syrup too thin, or else the churma will turn soggy.
- You can adjust mishri and dry fruits as per your taste.
- For richer flavor, always use desi ghee.
- Store it in an airtight container to keep it fresh for many days.
Conclusion
Mogri Churma is one of Rajasthan’s traditional recipes, known for its taste and unique preparation method. Though it takes a little time to prepare, once ready, it can be stored and enjoyed for a long time. If you ever want to experience the authentic flavors of a Rajasthani thali, do try this recipe.
FAQs – मोगरी चूरमा (Mogri Churma) से जुड़े सवाल
Q1. क्या मोगरी बनाने के लिए आटे को गूंथना ज़रूरी है?
नहीं, यही इस रेसिपी की खासियत है कि आटे को गूंथा नहीं जाता। अगर आप आटा गूंथ देंगे तो वह चिपचिपा हो जाएगा और मोगरी का दानेदार टेक्सचर खराब हो जाएगा। इसे सिर्फ घी और गुनगुने पानी के साथ हल्के-हल्के मसलना है ताकि छोटे-छोटे दाने तैयार हो सकें। यही दाने बाद में सुगंधित और कुरकुरी मोगरी बनते हैं।
Q2. मोगरी को सेंकते समय कौन-सी आंच पर पकाना चाहिए?
मोगरी को हमेशा धीमी आंच पर सेकना चाहिए। तेज आंच पर यह ऊपर से जल सकती है जबकि अंदर से कच्ची रह जाएगी। धीमी आंच पर सेंकने से हर दाना सुनहरा और करारा बनता है और इसमें एक गहरी खुशबू भी आती है।
Q3. क्या गुड़ की जगह चीनी का इस्तेमाल किया जा सकता है?
हाँ, अगर गुड़ उपलब्ध न हो तो चीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन पारंपरिक मोगरी चूरमा (Mogri Churma) का असली स्वाद और पौष्टिकता गुड़ से ही आती है। गुड़ खाने से शरीर को गर्माहट और एनर्जी मिलती है, इसलिए इसे ही प्राथमिकता देना बेहतर है।
Q4. क्या मोगरी चूरमा को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है?
जी हाँ, इसे एयरटाइट डिब्बे में भरकर रखा जाए तो यह 10–15 दिन तक ताज़ा रह सकता है। घी और गुड़ दोनों ही नैचुरल प्रिज़र्वेटिव की तरह काम करते हैं। हालांकि, इसे नमी से बचाना जरूरी है क्योंकि नमी आने पर यह जल्दी खराब हो सकता है।
Q5. क्या इस रेसिपी में ड्राई फ्रूट्स ज़रूरी हैं?
ड्राई फ्रूट्स ज़रूरी नहीं हैं, यह पूरी तरह आपकी पसंद पर निर्भर करता है। अगर आप चाहें तो बादाम, काजू, पिस्ता या किशमिश डालकर इसे और खास बना सकते हैं। बच्चों को खिलाने के लिए ड्राई फ्रूट्स डालना अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे पोषण और एनर्जी दोनों मिलते हैं।
Q6. गुड़ की चाशनी कितनी गाढ़ी होनी चाहिए?
चाशनी न बहुत पतली होनी चाहिए और न ही बहुत गाढ़ी। अगर यह ज्यादा पतली हुई तो मोगरी गीली हो जाएगी और उसका दानेदार टेक्सचर खो जाएगा। और अगर यह बहुत गाढ़ी हुई तो मोगरी में अच्छे से मिल नहीं पाएगी। हल्की चिपचिपी चाशनी सबसे सही रहती है।
Q7. क्या मोगरी चूरमा व्रत (उपवास) में खाया जा सकता है?
अगर आपके व्रत में गेहूं और गुड़ खाने की अनुमति है तो यह रेसिपी व्रत में भी खाई जा सकती है। इसमें घी और ड्राई फ्रूट्स डालने से यह और भी पौष्टिक बन जाती है और पूरे दिन के लिए एनर्जी देती है।
Q8. क्या बच्चों को मोगरी चूरमा दिया जा सकता है?
हाँ, यह बच्चों के लिए बहुत अच्छा स्नैक है क्योंकि इसमें गुड़, घी और सूखे मेवे होते हैं। गुड़ से आयरन और मिनरल्स मिलते हैं जबकि घी बच्चों की हड्डियों और दिमाग की ग्रोथ के लिए फायदेमंद है। आप चाहें तो इसमें थोड़ी कम इलायची और कम ड्राई फ्रूट डालकर बच्चों के लिए हल्का वर्ज़न बना सकते हैं।
Q9. क्या मोगरी चूरमा यात्रा (ट्रैवल) के लिए सही है?
हाँ, यह एक ट्रैवल-फ्रेंडली रेसिपी है। अगर इसे सही तरीके से पैक कर लिया जाए तो यह कई दिनों तक खराब नहीं होता। लंबे सफर में जब तुरंत कुछ मीठा और एनर्जेटिक खाने की जरूरत हो, तो यह एक परफेक्ट ऑप्शन है।

