चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak)
गणेश चतुर्थी का पर्व हो और चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। भगवान गणेश की प्रिय मिठाई माने जाने वाले मोदक न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी हल्के और पौष्टिक होते हैं।
घर में बने हुए चावल के आटे के मोदक की खासियत यह है कि इनमें घी की खुशबू, नारियल और ड्राई फ्रूट्स का स्वाद, और इलायची की मिठास का ऐसा मेल होता है जो हर किसी का मन मोह लेता है। जब गरमागरम मोदक सांचे से निकलकर प्लेट में सजते हैं तो उनकी सुंदरता और स्वाद दोनों ही दिल जीत लेते हैं।
आजकल मार्केट में मोदक के कई तरह के फ्लेवर और वेराइटी मिलती हैं, लेकिन घर पर बनाए गए Rice Flour Modak का स्वाद और ताज़गी उनसे कहीं बेहतर होती है। चाहे आप इन्हें प्रसाद के रूप में बनाएं या त्योहार की मिठाई के तौर पर, यह festive recipe आपके परिवार और मेहमानों दोनों के दिल को छू लेगी।
चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) के लिए सामग्री
- 1 कप चावल का आटा
- 2 टेबलस्पून घी
- ½ कप कटे हुए काजू और बादाम
- ½ कप नारियल कद्दूकस
- 2 कप दूध
- ½ टीस्पून केसर
- ½ कप चीनी
- 1 टीस्पून इलायची पाउडर
- 10–12 किशमिश
- गार्निश के लिए पिस्ता
चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) बनाने की विधि
सबसे पहले एक मोटी तली वाली कढ़ाई लें और उसमें थोड़ा घी गरम करें। जैसे ही घी गरम हो जाए, उसमें चावल का आटा डालें और धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें। ध्यान रखें कि आटा जले नहीं, वरना मोदक का स्वाद कड़वा हो जाएगा। जब आटे से हल्की-सी खुशबू आने लगे और उसका रंग थोड़ा बदलने लगे, तब समझ लें कि आटा सही से भुन चुका है।
अब इसी आटे में कटे हुए काजू, बादाम और कद्दूकस किया हुआ नारियल डालें और धीमी आंच पर कुछ देर और चलाएँ, ताकि ड्राई फ्रूट्स और नारियल भी हल्के-से भुन जाएँ। यह स्टेप मोदक को गज़ब का स्वाद और टेक्सचर देता है।
इसके बाद उसी कढ़ाई में दूध डालें और आंच को मध्यम कर दें। मिश्रण को लगातार चलाते रहें ताकि इसमें गुठलियाँ न बनें। जब दूध थोड़ा गाढ़ा होने लगे तो उसमें भीगे हुए केसर के धागे डालें। दूध और केसर का यह मेल मोदक को न सिर्फ़ सुंदर रंग देता है बल्कि उसमें मनमोहक खुशबू भी भर देता है।
अब समय है इसमें चीनी डालने का। चीनी डालते ही मिश्रण थोड़ा पतला लगेगा क्योंकि चीनी गर्म होने पर पानी छोड़ती है। ऐसे में घबराएँ नहीं, मिश्रण को लगातार चलाते हुए पकाते रहें जब तक कि यह गाढ़ा न हो जाए। धीरे-धीरे यह मिश्रण एक गाढ़े और चिकने आटे जैसा हो जाएगा।
अब इसमें किशमिश और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला दें। मिश्रण को तब तक पकाएँ जब तक यह कढ़ाई छोड़ने न लगे और आटे जैसा गाढ़ा न हो जाए। जब यह मिश्रण तैयार हो जाए तो इसे थोड़ी देर ठंडा होने दें। ध्यान रखें कि यह गरम भी रहे ताकि आसानी से आकार ले सके।
अब मोदक का साँचा लें और उसे हल्के से घी लगाकर ग्रीस कर लें। सबसे पहले सांचे में पिस्ता या कोई भी मनपसंद ड्राई फ्रूट सजावट के लिए रखें। फिर तैयार मिश्रण को सांचे में भरें और हल्के हाथों से दबाएँ। जब आप साँचा खोलेंगे तो एक सुंदर और आकर्षक मोदक आपके सामने होगा।
इसी तरह सारे चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) तैयार करें और इन्हें प्लेट में सजाकर भगवान गणेश को भोग लगाएँ।
चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) टिप्स
- आटा भूनते समय आंच हमेशा धीमी रखें, वरना यह जल्दी जल सकता है।
- दूध डालते समय लगातार चलाते रहें ताकि गुठलियां न पड़ें।
- मोदक का मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद ही सांचे में भरें, वरना हाथ जल सकते हैं।
- मोदक को सजाने के लिए पिस्ता, बादाम या चांदी का वर्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अगर आप कम मीठा पसंद करते हैं तो चीनी की मात्रा कम कर सकते हैं।
- इलायची पाउडर की जगह गुलाब जल या केवड़ा जल भी स्वाद बढ़ाने के लिए डाल सकते हैं।
निष्कर्ष
त्योहारों का मज़ा तभी पूरा होता है जब घर में मिठाई की खुशबू फैले। चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) न केवल स्वादिष्ट हैं बल्कि परंपरा और श्रद्धा से जुड़े हुए भी हैं। थोड़े से धैर्य और सही तकनीक से आप भी आसानी से इस festive recipe को घर पर बना सकते हैं। जब आप अपने हाथों से बनाए मोदक भगवान गणेश को अर्पित करेंगे, तो उसका स्वाद और भी दिव्य लगेगा।
FAQs – चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) से जुड़े सवाल
Q1. मोदक कितने प्रकार के होते हैं?
मोदक कई तरह के बनाए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध हैं चावल के आटे के मोदक (Rice Flour Modak) जिन्हें “उकडीचे मोदक” भी कहा जाता है। इनके अलावा तले हुए मोदक, मावा मोदक, ड्राई फ्रूट मोदक, चॉकलेट मोदक और नारियल मोदक भी बहुत लोकप्रिय हैं। हर राज्य और परिवार की अपनी-अपनी परंपरा के हिसाब से मोदक की अलग-अलग वैराइटी देखने को मिलती है।
Q2. मोदक और लड्डू में क्या फर्क है?
लड्डू आमतौर पर गोल आकार के होते हैं और इन्हें हाथ से बनाया जाता है, जबकि मोदक का आकार विशेष सांचे से बनाया जाता है जिसमें ऊपर की तरफ शंकु जैसी धारियाँ होती हैं। मोदक को खासतौर पर गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है, जबकि लड्डू लगभग हर त्योहार और मौके पर बनाए जाते हैं। स्वाद और बनाने की प्रक्रिया दोनों ही मिठाइयों को अलग-अलग पहचान देते हैं।
Q3. अगर दूध जलने लगे तो क्या उपाय है?
दूध डालने से पहले कढ़ाई को अच्छी तरह साफ करें और धीमी आंच पर ही पकाएं। लगातार चलाते रहें।
Q4. क्या मोदक को बिना सांचे के भी बनाया जा सकता है?
हाँ, हाथ से छोटी लोइयां बनाकर मोदक का आकार दिया जा सकता है।
Q5. क्या मोदक को पहले से बनाकर रखा जा सकता है?
हाँ, इन्हें 1 दिन पहले बनाकर एयरटाइट डिब्बे में रखा जा सकता है, लेकिन ताज़ा बने मोदक ज़्यादा स्वादिष्ट लगते हैं।
Q6. अगर मिश्रण बहुत सूखा हो जाए तो क्या करें?
थोड़ा-सा गुनगुना दूध डालकर मिलाएँ, इससे मिश्रण फिर से नरम हो जाएगा।
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