
बाकरवड़ी (Bakarwadi) रेसिपी
जब भी चाय के साथ कुछ चटपटा, खस्ता और बिल्कुल अलग स्वाद वाला स्नैक खाने का मन हो, तो एक नाम सबसे पहले ज़हन में आता है – बाकरवड़ी (Bakarwadi)। गोल-गोल दिखने वाली यह नमकीन डिश बाहर से क्रिस्पी और अंदर से मसालेदार, मीठे और खट्टे फ्लेवर का ऐसा मेल है, जो हर बाइट को एक अनोखा एक्सपीरियंस बना देता है। ये सिर्फ नाश्ता नहीं, बल्कि हर उस घर की पहचान है जहाँ खाने के साथ प्यार और परंपरा भी परोसी जाती है।
बाकरवड़ी (Bakarwadi) का इतिहास महाराष्ट्र और गुजरात की गलियों से शुरू होता है, लेकिन आज यह पूरे देश के दिलों में अपनी जगह बना चुकी है। चाहे त्योहार हो या परिवार के साथ बैठने की शाम – इसका स्वाद हमेशा खास होता है। लेकिन सच्चाई ये है कि बाजार से लाई गई पैकेट वाली बाकरवड़ी उस ताज़गी और संतुलन को नहीं दे सकती, जो घर की रसोई में बने हर टुकड़े में महसूस होता है।
घर पर बनी बाकरवड़ी (Bakarwadi) में जो बात होती है – वो है प्यार से चुनी गई सामग्री, धीमी आंच पर तलने का धैर्य और भरावन में डाले गए वो खट्टे-मीठे मसाले जो इसे एक परफेक्ट स्नैक बनाते हैं। और सबसे खास बात – इसे बनाना जितना दिलचस्प है, इसका हर स्टेप उतना ही ज़रूरी। सही मोयन से आटा तैयार करना, भरावन में स्वाद का संतुलन बिठाना, और फिर उसे इतनी बारीकी से रोल कर तलना कि हर टुकड़ा गोल और कुरकुरा निकले – यही असली कला है बाकरवड़ी (Bakarwadi) बनाने की।
अगर आप भी चाहते हैं कि आपके घर की रसोई से निकले ऐसी खुशबू जो पूरे मोहल्ले को खींच लाए, और जो हर चाय की प्याली को एक नए स्तर पर ले जाए, तो बस एक बार इस रेसिपी को जरूर आजमाइए। यह न केवल आपके स्वाद को संतुष्ट करेगी, बल्कि आपको हर बार खुद पर गर्व करने का मौका भी देगी कि आप घर पर इतनी परफेक्ट बाकरवड़ी (Bakarwadi) बना सकते हैं – वो भी बिना किसी झंझट के, शुद्धता और स्वाद के साथ।
बाकरवड़ी (Bakarwadi) के लिए आवश्यक सामग्री
आटे के लिए:
- मैदा – 2 कप
- तेल या घी (मोयन के लिए) – 3 बड़े चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – आवश्यकतानुसार (लगभग ¾ कप)
भरावन के लिए:
- नारियल (सूखा कद्दूकस किया हुआ) – ½ कप
- तिल – 1 बड़ा चम्मच
- धनिया पाउडर – 1½ चम्मच
- सौंफ – 1 चम्मच
- जीरा – ½ चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1½ चम्मच
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
- इमली का गूढ़ा – 2 चम्मच
- गुड़ – 2 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- मोरा सेव (यदि उपलब्ध हो) – 2 बड़े चम्मच
- तलने के लिए तेल – पर्याप्त मात्रा में
बाकरवड़ी (Bakarwadi) बनाने की विधि
बाकरवड़ी (Bakarwadi) बनाने के लिए सबसे पहले मैदे में घी या तेल (मोयन ) अच्छी तरह से मिलाएं ताकि वह हाथों में दबाने पर बंध जाए। फिर धीरे-धीरे पानी डालते हुए एक अर्ध-कड़ा आटा गूंथ लें। आटे को पहले 10 मिनट ढककर रख दें, फिर 10 मिनट तक अच्छे से गूंधें और उसके बाद कम से कम 30 मिनट के लिए ढककर रखें ताकि आटा सेट हो जाए और बेलने में आसानी हो।
भरावन के लिए नारियल, तिल, धनिया पाउडर, सौंफ, जीरा, लाल मिर्च पाउडर, हरी मिर्च, गुड़ और इमली का गाढ़ा गूढ़ा अच्छी तरह मिलाएं। यदि मोरा सेव डाल रहे हैं तो धीरे से मिलाएं ताकि सेव नमी से भीग कर नरम न हो जाए।
अब आटे की पतली रोटी बेलें और उस पर भरावन की पतली परत फैलाएं। फिर रोटी को कसकर रोल करें और किनारे को पानी लगाकर अच्छे से सील करें। तेज चाकू से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और हल्के हाथ से उन्हें थोड़ा दबाकर गोल आकार दें।
कढ़ाही में तेल को मध्यम आंच पर गरम करें (लगभग 140-150°C)। जब तेल मध्यम गरम हो जाए, तब बाकरवड़ी (Bakarwadi) को धीमी आंच पर तलें। ध्यान रखें कि तेल ज्यादा गर्म न हो वरना बाहर से जल जाएगा और अंदर से कच्चा रह जाएगा। सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
अगर तलते समय कुछ भरावन तेल में आ जाए, तो छलनी की मदद से निकालें ताकि तेल दोबारा उपयोग हो सके।
बाकरवड़ी (Bakarwadi) बनाने के लिए जरूरी सुझाव
- मोयन अच्छी तरह मिलाएं जिससे बाकरवड़ी (Bakarwadi) कुरकुरी बने।
- आटा न ज्यादा सख्त हो न ज्यादा नरम – अर्ध-कड़ा ही रखें।
- भरावन में मीठा, तीखा और खट्टा स्वाद संतुलन में होना चाहिए।
- गुड़ और इमली के बजाय मीठी चटनी और नींबू का रस भी उपयोग कर सकते हैं।
- भरावन ज्यादा गीला न हो, वरना तलते समय बाकरवड़ी फट सकती है।
- रोल को कसकर लपेटें ताकि तलते समय खुलें नहीं।
- तेल का तापमान मध्यम रखें – न ज्यादा गरम न ठंडा।
- तलने के बाद बाकरवड़ी को पेपर टॉवल पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
निष्कर्ष
बाकरवड़ी (Bakarwadi) सिर्फ एक नाश्ता नहीं, बल्कि भारतीय रसोई की एक अनमोल परंपरा है। घर पर बनाई गई बाकरवड़ी (Bakarwadi) में जो ताजगी, स्वाद और कुरकुरापन होता है, वह किसी भी बाजारू पैकेट से कहीं बेहतर होता है। थोड़ी सी मेहनत और सही तकनीक से बनी हुई यह स्नैक चाय के साथ एकदम परफेक्ट लगती है। जब अगली बार कुछ कुरकुरा खाने का मन करे, तो एक बार यह रेसिपी जरूर आज़माएं।
FAQ – बाकरवड़ी (Bakarwadi) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. बाकरवड़ी (Bakarwadi) के लिए कौन-सा आटा बेहतर होता है – मैदा या बेसन?
पारंपरिक बाकरवड़ी (Bakarwadi) मैदे से बनती है, लेकिन चाहें तो बेसन मिलाकर भी बना सकते हैं।
Q2. क्या बाकरवड़ी (Bakarwadi) को बेक भी कर सकते हैं?
हाँ, लेकिन बेक करने पर स्वाद और कुरकुरापन में थोड़ा फर्क आ सकता है।
Q3. बाकरवड़ी (Bakarwadi) कितने दिनों तक स्टोर की जा सकती है?
एयरटाइट कंटेनर में रखने पर 15-20 दिन तक ताज़ा बनी रह सकती है।
Q4. क्या भरावन में गुड़ और इमली न हो तो क्या करें?
आप मीठी चटनी और नींबू का रस मिलाकर वैकल्पिक स्वाद पा सकते हैं।
Q5. बाकरवड़ी (Bakarwadi) तलते समय फट क्यों जाती है?
भरावन अधिक गीला या रोलिंग ढीली होने पर ऐसा हो सकता है।
Q6. क्या बच्चों के टिफिन में बाकरवड़ी (Bakarwadi) दी जा सकती है?
हाँ, अगर आप तीखे मसाले कम रखें तो यह बच्चों के लिए भी उपयुक्त स्नैक है।
Q7. क्या बाकरवड़ी (Bakarwadi) को फ्रोजन करके स्टोर किया जा सकता है?
हाँ, रोल बनाकर काटने के बाद फ्रीज़ किया जा सकता है और जरूरत पर तला जा सकता है।
Q8. क्या तेल के बजाय घी में तलना अच्छा रहेगा?
घी में तलना स्वाद को बढ़ाता है लेकिन तेल हल्का विकल्प है।
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