भारतीय मिठाइयों की दुनिया में कुछ मिठाइयाँ ऐसी होती हैं जो सिर्फ स्वाद नहीं, एक एहसास बन जाती हैं — बालूशाही (Balushahi) उन्हीं में से एक है। यह न सिर्फ त्यौहारों की रौनक बढ़ाती है, बल्कि हर एक परत में एक पुरानी याद, एक पारंपरिक खुशबू और एक देसी मिठास समेटे होती है। बाजार में मिलने वाली बालूशाही तो सबने खाई होगी, लेकिन जब वही खस्ता, रस से भरी बालूशाही घर में अपने हाथों से बने — तो उसका स्वाद दिल तक उतर जाता है।
बालूशाही (Balushahi) को बनाना जितना राज़दार लगता है, उतना ही आसान है अगर सही विधि अपनाई जाए। इसमें न ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत है, न ही कोई महंगी सामग्री — सिर्फ थोड़ी समझदारी, थोड़ी सावधानी।
यह विधि न सिर्फ पहली ही कोशिश में आपको परफेक्ट बालूशाही देना सुनिश्चित करती है, बल्कि यह इतनी टिकाऊ भी है कि एक बार बनाने के बाद आप इसे हफ्तों तक स्टोर कर सकते हैं — हर बार वैसा ही स्वाद, वैसी ही मिठास। तो चलिए शुरू करते हैं एक ऐसे स्वाद के साथ, जो घर के हर कोने में त्योहार जैसी खुशबू बिखेर दे।
बालूशाही (Balushahi) बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:
- मैदा – 2 कप
- घी – ½ कप
- बेकिंग पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- पानी – आवश्यकतानुसार
- चीनी – 1.5 कप
- नींबू का रस – 1 छोटा चम्मच
- इलायची पाउडर – वैकल्पिक
- घी/तेल – तलने के लिए
बालूशाही (Balushahi)बनाने की विधि:
मैदे में बेकिंग पाउडर और घी डालकर हल्के हाथों से मिलाएं। मिश्रण को तब तक रगड़ें जब तक वह झरझरा न हो जाए। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए बहुत हल्के हाथों से आटा गूंथ लें। ध्यान रहे, आटे को ज़्यादा मसलना नहीं है, ताकि बालूशाही में परतें बनें। गूंथे हुए आटे को ढककर कुछ देर के लिए रख दें।
एक भगोने में चीनी और पानी मिलाएं और मध्यम आंच पर पकाएं। जब मिश्रण गर्म हो जाए, तो उसमें नींबू का रस डालें ताकि चीनी क्रिस्टल न हो। चाशनी को तब तक पकाएं जब तक वह शहद जैसी हल्की चिपचिपी बन जाए। एक तार की चाशनी नहीं बनानी है।
गूंथे हुए आटे से छोटे-छोटे बराबर आकार के गोले बनाएं। हर गोले को हल्का सा दबाकर बीच में उंगली से थोड़ा सा गड्ढा बनाएं। कढ़ाही में घी/तेल को हल्का गरम करें। बालूशाही को धीमी आंच पर तलें ताकि वह अंदर तक अच्छे से पकें और ऊपर से सुनहरी व खस्ता बनें। एक बार में बहुत ज़्यादा बालूशाही (Balushahi) न डालें।
तली हुई बालूशाही को हल्की गर्म चाशनी में डालें और लगभग 4-5 मिनट तक दोनों तरफ से अच्छी तरह डुबोएं। इसके बाद निकालकर एक थाली में रखें और ठंडा होने दें। ठंडी होने के बाद बालूशाही (Balushahi) को एयरटाइट डिब्बे में भर लें। ये 25 से 30 दिनों तक खराब नहीं होती।
बालूशाही (Balushahi) के लिए खास टिप्स:
- घी हमेशा ताज़ा और अच्छी क्वालिटी का इस्तेमाल करें।
- आटा सख्त नहीं होना चाहिए, और गूंथते समय हल्के हाथों का प्रयोग करें।
- चाशनी बहुत गाढ़ी या बहुत पतली न हो — बस शहद जैसी होनी चाहिए।
- तलते समय धैर्य रखें, तेज़ आंच पर तलने से बालूशाही (Balushahi) कच्ची रह जाएगी।
FAQs – बालूशाही के लिए (Balushahi) अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: क्या बालूशाही बनाने में घी की जगह तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है?
उत्तर: हां, आटा गूंथने में तेल इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन घी से बालूशाही का स्वाद और बनावट बेहतर आती है। तलने में आप तेल और घी का मिश्रण भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रश्न 2: चाशनी एक तार की क्यों नहीं बनानी चाहिए?
उत्तर: बालूशाही के लिए हल्की चिपचिपी (हनी जैसी) चाशनी उपयुक्त रहती है। एक तार की चाशनी से बालूशाही के अंदर तक मिठास नहीं जा पाएगी।
प्रश्न 3: आटा गूंथते समय ज़्यादा मसलना क्यों नहीं चाहिए?
उत्तर: ज़्यादा मसलने से आटे में ग्लूटेन बनता है जिससे बालूशाही (Balushahi) सख्त और केक जैसी हो जाती है। खस्ता और परतदार बनावट के लिए हल्के हाथ से गूंथना ज़रूरी है।
प्रश्न 4: क्या बालूशाही को बेक किया जा सकता है?
उत्तर: पारंपरिक बालूशाही तलकर ही बनाई जाती है। बेक करने पर उसका स्वाद और बनावट प्रभावित हो सकती है।
प्रश्न 5: बालूशाही कितने समय तक ताज़ा रहती है?
उत्तर: अगर आप बालूशाही को एयरटाइट डिब्बे में रखें और नमी से बचाएं, तो यह लगभग 25 से 30 दिनों तक खराब नहीं होती।
प्रश्न 6: बालूशाही अंदर से कच्ची क्यों रह जाती है?
उत्तर: यह आमतौर पर तेज़ आंच पर तलने की वजह से होता है। बालूशाही को धीमी आंच पर धीरे-धीरे तलना चाहिए ताकि वह अंदर तक अच्छे से पक सके।
प्रश्न 7: क्या बालूशाही (Balushahi) में ड्राय फ्रूट्स डाले जा सकते हैं?
उत्तर: हां, आप ऊपर से बालूशाही को सजाने के लिए कटे हुए पिस्ता या बादाम डाल सकते हैं। यह पूरी तरह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।
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