
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai)
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्ते!
भारतीय मिठाइयों की दुनिया जितनी पुरानी है, उतनी ही विविध और समृद्ध भी। खीर की कोमल मिठास, रसमलाई की मलाईदार नरमी और रसगुल्ले की रसीली ताजगी — इन सबके बीच अगर कोई ऐसी मिठाई हो जो इन तीनों का स्वाद अपने भीतर समेटे हो, तो वह है साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai)। यह एक ऐसी नवाचारी रेसिपी है, जिसमें परंपरा और प्रयोग दोनों का गहरा मेल दिखाई देता है।
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) की खासियत यह है कि इसमें साबूदाना जैसे साधारण और व्रत में उपयोग होने वाले घटक को इतने ख़ूबसूरत और रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है कि वह बिल्कुल नई मिठाई में बदल जाता है। साबूदाना से बनी नर्म बॉल्स को धीमी आंच पर केसर और इलायची से महकते दूध में पकाया जाता है, जिससे हर चम्मच में एक रसमलाई जैसी मलाईदार मिठास, एक रसगुल्ले जैसी स्पंजी बनावट और खीर जैसी संतुलित मिठास महसूस होती है।
चाहे आप व्रत में हों, किसी त्यौहार पर विशेष मिठाई की तलाश में हों, या फिर कुछ नया और हेल्दी ट्राय करना चाहते हों — यह साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) रेसिपी हर मौके के लिए एकदम परफेक्ट है। खास बात यह है कि इसे बिना मावे, बिना पनीर और बिना अधिक झंझट के सिर्फ कुछ आसान सामग्रियों से बनाया जा सकता है।
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि देखने में भी उतनी ही मनमोहक है। बारीक कटे सूखे मेवों से सजी, ठंडी-ठंडी परोसी गई यह मिठाई किसी भी मेहमान को चौंकाकर वाह-वाह दिला सकती है। तो आइए, इस रेसिपी के ज़रिए पारंपरिक स्वाद में एक रचनात्मक मोड़ दें — और तैयार करें कुछ ऐसा, जो दिल और ज़ुबान दोनों को ख़ास लगे।
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai)के लिए सामग्री:
- छोटा साबूदाना – 1 कप
- दूध – 1 लीटर
- पिसी हुई चीनी – स्वादानुसार (लगभग 5-6 बड़े चम्मच)
- दूध पाउडर – 2 बड़े चम्मच (वैकल्पिक)
- घी या तेल – हाथ चिकनाने के लिए
- केसर के धागे – कुछ तंतुएँ
- इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- पिस्ता, बादाम, काजू – बारीक कटे हुए, सजावट के लिए
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) बनाने की विधि:
एक कप छोटे साबूदाने को 3-4 बार पानी से धोएँ, जब तक पानी बिल्कुल साफ न हो जाए। इससे अतिरिक्त स्टार्च हटेगा और चिपचिपाहट कम होगी। साबूदाने को बस इतना पानी डालकर भिगोएँ कि वह डूब जाए। ज़्यादा पानी से बॉल्स बनाने में परेशानी हो सकती है। इसे ढककर 2-3 घंटे के लिए छोड़ दें, जब तक साबूदाना नरम होकर फूल न जाए।
भिगोए हुए साबूदाने में 2 बड़े चम्मच पिसी हुई चीनी और 2 बड़े चम्मच दूध पाउडर मिलाएँ। मिश्रण को हाथों से अच्छी तरह मिलाकर एकसार कर लें ताकि उसमें बाइंडिंग आ जाए। हाथों में थोड़ा घी या तेल लगाकर छोटे-छोटे बॉल्स बना लें। अगर मिश्रण ज़्यादा गीला हो, तो थोड़ा और दूध पाउडर डालें; सूखा लगे तो हल्का सा दूध या पानी छिड़कें।
एक भारी तले वाले पैन में थोड़ा पानी डालें और फिर 1 लीटर दूध डालें ताकि दूध नीचे से न लगे। दूध को मध्यम आंच पर उबालें और बीच-बीच में चलाते रहें। जब दूध हल्का गाढ़ा होने लगे, उसमें केसर के धागे डालें। स्वाद अनुसार चीनी डालें (ध्यान रहे कि बॉल्स में पहले से ही थोड़ी चीनी है)। दूध को 2-3 मिनट और पकाएँ, लेकिन ज़्यादा गाढ़ा न करें।
तैयार साबूदाना बॉल्स को धीरे-धीरे उबलते दूध में डालें। तुरंत न चलाएँ, बॉल्स को अपने आप पकने दें। जब बॉल्स ऊपर तैरने लगें और पारदर्शी हो जाएँ, तब समझें वे पक चुके हैं। लगभग 4-5 मिनट मध्यम आंच पर पकाएँ और साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) को फिर धीरे से हिलाएँ। इलायची पाउडर और कटे हुए सूखे मेवे डालें। सभी चीज़ों को हल्के हाथों से मिलाएँ। गैस बंद कर दें और मिश्रण को ठंडा होने दें। ध्यान रखें, दूध ठंडा होने पर और गाढ़ा हो जाएगा।
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai)को परोसने का तरीका:
- साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) को ठंडा करके परोसें। इसका स्वाद बिल्कुल अलग, नया और शानदार होता है – जैसे रसमलाई में कुछ नया ट्विस्ट मिल गया हो! यह पारंपरिक मिठाइयों से हटकर एक खास अनुभव देता है।
- अगर आप मीठे में कुछ अलग और खास ट्राई करना चाहते हैं, तो ये साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) रेसिपी ज़रूर बनाएं – हर बाइट में मिठास, नरमी और खुशबू का संगम!
साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) व्रत में खाई जा सकती है?
हां, इसमें मावा, मैदा या कोई तामसिक सामग्री नहीं है। साबूदाना, दूध, चीनी और मेवों से बनी यह मिठाई व्रत में उपयुक्त है। - अगर दूध पाउडर न हो तो क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) रेसिपी बन सकती है?
हां, दूध पाउडर वैकल्पिक है। इसका उपयोग बाइंडिंग और मलाईदार स्वाद के लिए होता है। न हो तो केवल चीनी से भी बॉल्स बनाए जा सकते हैं। - बॉल्स बनाते समय साबूदाना चिपचिपा हो रहा है, क्या करें?
अगर मिश्रण ज्यादा चिपचिपा है, तो थोड़ा और दूध पाउडर मिलाएं या मिश्रण को कुछ देर खुला छोड़ दें ताकि अतिरिक्त नमी सूख जाए। - क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) रेसिपी में रसमलाई जैसा स्वाद आता है?
जी हां, दूध में केसर और इलायची के साथ पकने से इसका स्वाद बिल्कुल रसमलाई जैसा हो जाता है, जबकि यह बिना मावा या पनीर के बनी होती है। - क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) पहले से बनाकर फ्रिज में रखा जा सकता है?
हां, यह मिठाई फ्रिज में 1-2 दिन तक फ्रेश रहती है। ठंडा खाने में इसका स्वाद और भी अच्छा लगता है। - क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) बच्चों के लिए सुरक्षित है?
बिलकुल। यह हल्की, पचने में आसान और बिना किसी केमिकल के बनाई जाती है। बच्चे इसे पसंद करेंगे। - बॉल्स दूध में डालते समय टूट क्यों जाते हैं?
यदि बाइंडिंग ठीक से नहीं हुई हो तो बॉल्स टूट सकते हैं। अगली बार मिश्रण में थोड़ा और दूध पाउडर या एक चुटकी अरारोट मिलाएं। - क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) में चीनी की जगह गुड़ का उपयोग किया जा सकता है?
गुड़ डाल सकते हैं, लेकिन ध्यान दें कि दूध फट सकता है। पहले गुड़ को पानी में घोलें और फिर दूध के हल्का ठंडा होने पर मिलाएं। - क्या साबूदाना को रातभर भिगोना जरूरी है?
नहीं, छोटे साबूदाने को 2-3 घंटे भिगोना काफी है। पानी बस इतना होना चाहिए कि साबूदाना डूब जाए। - क्या साबूदाना रसमलाई (Sabudana Rasmalai) मिठाई त्यौहार या पार्टी में परोसी जा सकती है?
हां, यह रेसिपी स्वाद और प्रेजेंटेशन दोनों में खास है। इसे ठंडा परोसें और यह हर मौके के लिए एक अलग और आकर्षक मिठाई साबित होगी।
Thank You For Reading 🙂
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